Princess Sana - 1 in Hindi Love Stories by Princess Sana books and stories PDF | Princess Sana - 1

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Princess Sana - 1

My love is my life

Hello friend I hope aap sab axe honge to Ye

meri


fist story hai so please sports me chalye badhte h story ki tarar.

ये कहानी है उन दो लोगो की जिसने प्यार मैं सारिहदे पार कर दी प्यार उम्र या भेद भाव छोटा बड़ा नही देखता बस हो जाता हैं 😌😌❤️दिल्ली सुभह के 6 बजे ।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।

ओम नमः शिवाय ओम नमः शिवाय अभिनन्द सिंह बोले ।

प्रभु आप तो सब जानते हो आज मेरी बच्चियों का परीक्षा

परिणाम आने वाला ह हमेशा की तरह मेरी बचिया मेरा सिर गर्व से ऊपर करे और करंगी क्यू नही बेटिया है मेरी हे महादेव सब संभाल लेना आप और सच कहु तो मुझे पाता है हमेशा की तरह मेरी संधिया ग्राजुएशन मैं अच्छा लाएगी आखिर मेरी बेटी ह डर तो वस मुझे मीरा का नाम महादेव नाम तो मीरा रख दिया मेने पर मीरा जैसे कोई लक्षण नही है उसमे हमेशा उसकि शिकायत आती है अभिनन्द सिंह बोले

दोस्तों मैं बता दु अभिनन्द सिंह के 3 बच्चे ह एक उन्का बड़ा बेटा और उनकी बेटी संधिया जो सच मैं अपने नाम के तरह शांत है और उनकी छोटी बेटी मीरा जिससे बस अपनी मर्ज़ी करनि आती ह और मीरा को इसकी कभी कबार भरपाई भी कrni पड़ती है ।

बस् संभाल लेना प्रभु आप हर हर महादेव अभिनन्द सिंह बोले और बहार की तरफ आगन मैं कुर्सी पर जा कर बैथे हि थे की संधिया बोली पापा अभिनन्द जी ने जब देखा तो ये संधिया थी जो हाथो मैं चाइ और पानी लिए खरी थी । लाओ दो बेटी अभिनन्द जी बोले और पानी पी कर कप हाथ मैं ले कर एक घुट पी कर बोले आज तो आप का रिजल्ट आने वाला ह है ना बेटी संधिया अभिनन्द जी बोले । हा पापा आज हि आने वाला है मेरा और छोटी का आज मेरा ग्राजुएशन कम्प्लेट हो जायेगा और छोटी की 11 वी संधिया बोली । ओह ये तो बहुत अच्छ बात हैं बेटा और मुझे पाता है को तुम मेरा सिर निचे नही गिरने दोगी अभिनन्द सिंह जी बोले । हा पापा मैं और छोटी आगे कुछ संधिया बोलती की अभिनन्द जी ने बिच मैं बात रोकते हुए कहा हम सायद वो अच्छे आंक लाये और वहा से उठ कर चले गये । संधिया बस देखते रह गई और उसका चेहरा लटक गया वो किचन मैं गयी और वहा मधु जी बोली क्या हुआ संधिया । कुछ नही मा और चुप हो गयी संधिया बोली । मधु जी पास मैं आयी और सिर पर हाथ रख कर बोली उनहोने फिर कुछ बोला बुरा। मत मनो वो तुम्हारे पिता ह तुम तो उनको जानती हि होना मधु जी बोली । हा मा संधिया बोली और उठ कर बोली मैं छोटी को उठा कर आती हं अभी तक् उठी की नही देख कर आती हं कॉलेज जाते होए उसको भी छोर दूंगी संधिया बोली और व्हा से चली गयी मधु जी जो किचन मैं काम काम कर रही थी संधिया को जाते होेअए देख कर धीरे से बोली ये बात तो मुझे भी समझ नही आ रही बेटा की वो तुम दोनो मैं भेद भाव क्यू करते ह इतना बोलते हुए उनका चेहरा मुरझा गया ।।। छोटी छोटी उठ ना कितना सोयेगी आब उठ जा बेटा संधियस ईयर्रिंग पहनते हुए बोली । बस 5 मिनट और दी प्लीज दी मीरा बोली। नही बिल्कुल भी नही लेट हो जायेगा उठ जा आज कितना इम्पोर्टेन्ट दिन है संधिया बोली । हम इतना बोल कर मीरा ने अपने सिर के ऊपर कम्बल रख लिया और सो गयी मीरा । अच्छा मत उठ अगर याद ना हो तो याद दिला दु आज रिजल्ट आने वाला ह तो उठने का कष्ट करो कुम्करण की female कॉपी संधिया बोली ।। रिजल्ट का नाम सुनते हि मीरा एक दम से उठ कर बैठ गयी और आँखे बड़ी कर कलि और बोली नही दी रिजल्ट तो 8 मार्च को आने वाला ह ना की आज मीरु बोली । तो आज तारिख् भी देख लो मेरी प्यारि बहन और हस्ते हुएकमरे से बहार चाली जाति ह मीरा जैसे हि आज की डेट देखती ह उसका चेहरा लटक जाता ह आज 8 मार्च हि ह।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।(।।।।।।।। दोस्तों आप कन्फूसु ना हो की संधिया और मीरा मैं से कौन मेंन् कैरेक्टर ह तो मैं बता दु हमारी मेंन् से क् रेक्टर मीरा ह। हम आप सोच रहे होगे पता तो था अम्मा बन कर मत 🤣बाता #######

हे शिव जी आज तो पक्का पीटूंगी गब्बर तो आज जान ले लेगा और मार्ने से पहले बोलेगा कितने नम्बर आये। और फिर नंबर जानने के बाद बोलेंगे ये तो बहुत ना इंसफि ह सजा मिलेगी बारा बर मिलेगी और फिर बोलेंगे इन्ही हाथो से तुमने पेप्पर लिखा ये हाथ मुहे दे दे मीरु ये हाथ मुहे दे दे मीरु नही दूंगी नही दूंगी ।। मीरा चिलाने लगी उसकी आवाज सुन कर संधिया रूम मैं आते हुए बोली क्या होअ मीरु क्या होआ मीरु बोल ना और मीरा को जोर जोर से हिलाने लगी मीरा होश मैं आयी और अपने हाथो को देखते होएबोलि मेरा हाथ मेरी जान और अपने हाथो को चूमने लगी संधिया उसकी ये हरकत देख कर सामझ गयी की ये खुलि आँखो के सपने देख रही थी संधिया उसको बुद्धू कह कर चाली जाति ह और जाते जाते कहती है तु चाली जाना मैं तुझे नही छोर पाउंगी ओके ना मुझे कुछ काम हे ओके बाय संधिया इतना बोल कर् वहा से चालि जाति ह । मीरा कुछ नही बोलती और रेडी हो कर बिना खाये कलेज चली जाति ह ।। आज सच मैं टेंशन का माहौल था मिरा के लिए मीरा कॉलेज के गेट पर आती ह जहा उसका इंतजार उसकी दोस्त या बोलो बहन कर रही ह जो दोस्त कम बहन जायदा है । मीरु यार कहा थी तु इतना लेट ऐसे कैसे चलेगा तु जानती है ना तेरे बगैर मेरा गुजारा नाहि चलता रोली बोली और सच भी था मीरु के बगैर रोली का गुजारा नही चलने वाला था क्यू की रोली बहुत डरती थी।। बस ऐसे हि कुछ काम था इडलिये। लेट हो गयी मीरु बोली। क्या सच मैं मीरु । दोनो ने पीछे पलट कर देखा तो ये रोहत थी । हा इसकिये और तु मुझे क्यू बोल रही ह खुद भी लेट ह तु रोहत मीरु बोली । ओह सोर्री सोर्री रोहत् बोलि और दोनो मो मॉर्निंग विश किया और बोली हम तीनो को किसी की नज़र् ना लगे और हसने लगी ।।।।।।।।।।।।।।

मीरा जो समझदार और मश्ति खोर थी तो वही रोली डरफॉक और मासूम थी रोली गोरी थी पर हाईट कम थी ।।तो व्हि रोहत लम्बी और गुसेल् थी और मुहफ़त थी। जो जो मन मैं आता वही बकति तीनो हि काफी सुंदर। थी तीनो हमेशा साथ रहने वाली थी अभी तक तो इन तीनो के बिच कोई नही आया आगे देखते ह क्या क्या होता ह 😁😁😁😁😁😁😁😁😁😁😁😁

आज के लिए इत्ना हि तब तक के लिए by by take care